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मोहित डागा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ के अशोक ने कहा, ‘‘दर्शक या तो अशोक के किरदार से प्यार करेंगे या फिर नफरत‘‘
मोहित डागा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ के अशोक ने कहा, ‘‘दर्शक या तो अशोक के किरदार से प्यार करेंगे या फिर नफरत‘‘

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3 वर्ष agoon
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न्यूज़ डेस्क
टेलीविजन इंडस्ट्री में एक दशक से भी ज्यादा का समय गुजार चुके अभिनेता मोहित डागा एण्डटीवी के नये फैमिली ड्रामा ‘दूसरी माँ‘ में अशोक के किरदार के साथ वापसी कर रहे हैं। ज़ी स्टूडियोज द्वारा निर्मित और इम्तियाज़ पंजाबी द्वारा को-प्रोड्यूस्ड ‘दूसरी मांँ‘ उत्तर प्रदेश की एक महिला यशोदा (नेहा जोशी) की कहानी है, जो अपने पति अशोक, दो बेटियों और सास-ससुर के साथ रहती है। उसकी खुशहाल और सुकून से भरी जिंदगी में उस समय भूचाल आ जाता है, जब वह और उसका पति अनजाने में अपने (पति के) नाजायज बेटे कृष्णा (आयुध भानुशाली) को गोद ले लेते हैं। अपने नये शो एवं किरदार को लेकर उत्साहित मोहित ने हाल ही में हुई एक बातचीत में टेलीविजन इंडस्ट्री में अपने सफर, आने वाले प्रोजेक्ट्स, अशोक के अपने किरदार आदि के बारे में बताया।
1ण् ‘दूसरी माँ‘ में अशोक के अपने किरदार के बारे में हमें बतायें।
अशोक एक प्यार और देखभाल करने वाला पति है और वह अपने परिवार से बहुत प्यार करता है। उसे अपनी पत्नी यशोदा (नेहा जोशी) और अपनी बेटियों पर गर्व है। वह अपने पारंपरिक और पुराने ख्यालात के माता-पिता के सामने उन्हें सपोर्ट करता है। वह अपने छोटे भाई और बड़ी बहन, जिसकी शादी हो चुकी है, को भी भावनात्मक और आर्थिक रूप से सहयोग देता है। वह एक नामचीन वकील है और उसने काफी कामयाबी हासिल की है। उसकी जिंदगी उस समय तक बेहद खुशहाल और संतोषजनक थी, जब तक कि वह अपनी नाजायज संतान कृष्णा (आयुध भानुशाली) से नहीं मिला था। कृष्णा कोई अनाथ बच्चा नहीं, बल्कि अशोक एवं माला के प्रेम की निशानी है। हालांकि, अशोक को कृष्णा के अस्तित्व के बारे में तब तक पता नहीं होता, जब तक कि यशोदा की मुलाकात माला और कृष्णा से नहीं हुई थी। लेकिन जब उसे कृष्णा के बारे में पता चलता है, तो वह यशोदा को खो देने एवं अपने परिवार के टूटने के डर से यशोदा को सच नहीं बताता। लेकिन अपने बच्चे को एक अनाथाश्रम में देखकर उसे बहुत दुख होता है और वह खुद को इन सबका दोषी मानने लगता है।
2ण् आप अशोक का किरदार निभाने के लिये राजी क्यों हुये, क्या आपको लगता है कि दर्शक आपके किरदार से जुड़ाव महसूस करेंगे?
‘दूसरी माँ‘ में अशोक का मेरा किरदार मेरे लिये दिलचस्प और जुड़ने लायक, दोनों ही है। वह एक जिम्मेदार व्यक्ति है, जो अपने पैरेंट्स, पत्नी, बच्चों और भाई-बहन के साथ रहता है। असल जिंदगी में भी मेरी जिंदगी मेरे परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती है। यह कारण है कि मुझे यह किरदार आकर्षक लगा। हालांकि, मेरे किरदार की जिंदगी में आये भावनात्मक उतार-चढ़ाव और उसके उलझे हुये अतीत को देखते हुये, ऐसी संभावना है कि दर्शक या तो अशोक से प्यार करेंगे या फिर नफरत और मैं हर चीज को स्वीकार करने के लिये तैयार हूं। बतौर कलाकार, मुझे नई चुनौतियां लेना अच्छा लगता है। हर किसी का जुनून अलग स्तर का होता है और मैं अपने काम को लेकर बेहद जुनूनी हूं। इससे मुझे संतुष्टि मिलती है और एक कलाकार के रूप में खुद को निखारने में मदद मिलती है। हमारी जिंदगी में हर समय कुछ-न-कुछ नया सीखने लायक होता है।
3ण् दो साल के बाद स्क्रीन पर वापस लौटते हुये आपको कैसा लग रहा है?
टेलीविजन पर वापस लौटकर मुझे वाकई में बहुत अच्छा लग रहा है। मेरी फैमिली खासतौर से मेरी पत्नी इस बात से बेहद खुश है। मैंने कई टेलीविजन शोज किये हैं और इंडस्ट्री में अपनी एक पहचान बनाई है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगा कि मेरा कॅरियर थम सा गया था। मैं बहुत उदास था, क्योंकि मुझे कोई दिलचस्प आॅफर्स नहीं मिल रहे थे। वर्ष 2020 में, मैं मध्य प्रदेश में अपने होमटाउन गाडरवाड़ा लौट आया और मैंने अपना सीमेंट का बिजनेस शुरू किया। मेरा वह बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था, लेकिन इसके बावजूद मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं दोबारा ऐक्टिंग करूं। भगवान का शुक्र है कि उन्होंने मेरी प्रार्थना सुन ली और लाॅकडाउन के बाद मुझे आॅडिशन काॅल्स आने लगे। उन्ही में से एक काॅल अशोक के रोल के आॅडिशन के लिये भी था। इस रोल के लिये चुना जाना मेरी खुशकिस्मती है।
4ण् जयपुर में शूटिंग करने का आपका अब तक का अनुभव कैसा रहा है, क्या आपको अपने परिवार वालों की याद आती है?
जयपुर में ‘दूसरी माँ‘ की शूटिंग करने में मुझे बहुत मजा आ रहा है। यह जगह बेहद खूबसूरत है और मुझे इस शहर की खूबसूरती को देखने का थोड़ा-बहुत मौका तो मिल ही गया है। हम सभी के लिये शूटिंग का शेड्यूल बहुत टाइट रहा है। ऐसी अद्भुत टीम के साथ काम करके मजा आ रहा है और अपने परिवार से दूर रहकर इतना समय एकसाथ बिताने के बाद हम सभी दोस्त बन गये हैं। इसलिये एक तरह से हम सभी एक दूसरा परिवार बन गये हैं, जो एकसाथ काम करते हैं, खाते हैं और एकसाथ हर चीज का जश्न मनाते हैं। हर गुजरते दिन के साथ हमारा रिश्ता और भी मजबूत हो रहा है। सेट पर हम एकसाथ रिहर्सल करते हैं और खाना खाते हैं और जब हम शूटिंग नहीं कर रहे होते हैं, तो हम सभी स्थानीय पकवानों खासतौर से स्ट्रीट फूड और शहर की समृद्ध विरासत का आनंद उठाते हैं। मुझे मेरे परिवार वालों की बहुत ज्यादा कमी नहीं खलती है और मैं हर दिन उनसे बात करने की कोशिश जरूर करता हूं। वे बहुत सपोर्टिव हैं, खासकर मेरी पत्नी। मुझे जब यह रोल मिला, तो वह और मेरी बेटी दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं था। वे भी यहां आना चाहती हैं और तब हम कहीं घूमने जाने की सोच रहे हैं।
5ण् नेहा जोशी और आयुध भानुशाली के साथ शूटिंग करने का आपका अब तक का अनुभव कैसा रहा है?
नेहा जोशी और आयुध भानुशाली के साथ अब तक का शूटिंग करने का अनुभव शानदार रहा है और मुझे इनसे बेहतर सह-कलाकार नहीं मिल सकते थे। हालांकि, शूटिंग की वजह से हम काफी व्यस्त रहते हैं लेकिन इसके बावजूद हम तीनों की यही कोशिश रहती है कि जब भी समय मिले हम गुलाबी शहर में घूमने का लुत्फ उठायें। नेहा और आयुष दोनों ही बेहद प्रतिभाशाली और प्रोफेशनल हैं। आयुध बहुत ऐक्टिव और शरारती बच्चा है और कभी भी एक जगह पर शांत नहीं बैठता। सेट पर उसकी एनर्जी मुझे अच्छी लगती है। इसके साथ ही नेहा और मैं हमेशा ही अलग-अलग मुद्दों पर बात करते रहते हैं, जैसे कि स्पोर्ट्स, आर्ट और पाॅलिटिक्स। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
6ण् अपने दर्शकों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
‘दूसरी माँ‘ भावनाओं, दमदार किरदारों और एक मजबूत कहानी से भरपूर फैमिली ड्रामा है। मुझे पूरा भरोसा है कि इसकी कहानी दर्शकों को पसंद आयेगी। उम्मीद है कि दर्शक कहानी के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे, हमारी कड़ी मेहनत उन्हें पसंद आयेगी और हमारे सफर में हमारा साथ देकर वे इस शो को कामयाब बनायेंगे।
‘दूसरी माँ‘ में मोहित डागा को अशोक के रूप में देखिये, हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!
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ऐसे शुरू हुआ भारतीय टेलीविजन का एक नया युग, जहाँ भारतीय टेलीविजन की सशक्त महिलाओं ने शुरू किया एक नया दौर
ऐसे शुरू हुआ भारतीय टेलीविजन का एक नया युग, जहाँ भारतीय टेलीविजन की सशक्त महिलाओं ने शुरू किया एक नया दौर

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2 वर्ष agoon
जुलाई 4, 2023By
न्यूज़ डेस्क
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टेलीविजन की महिलाओं के चित्रण को एक उल्लेखनीय परिवर्तन की मिसाल बनते देखा गया है। डरी-सहमी और आज्ञाकारी बहुओं का दौर अब पीछे छूट रहा है क्योंकि आधुनिकता को ध्यान रखते हुए अब स्वतंत्र महिलाएं समाज को कई नए और चौकाने वाले उदाहरण पेश कर रही हैं। अब टेलीविजन पर दर्शकों को ज्यादातर भारतीय समाज की बदलती गतिशीलता और सशक्त महिलाओं की कहानियों को पेश करता है। इतना ही नहीं दर्शकों द्वारा भी इन कहानियों को बहुत पसंद किया जा रहा है चूँकि इन महिलाओं ने दर्शकों को मोहित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। आइए इस अविश्वसनीय परिवर्तन पर करीब से नज़र डालें, जिसने अपने किरदार के माध्यम से वास्तविक जीवन की महिलाओं को समान रूप से सशक्त बनाया है।
अनुपमा – अनुपमा के रूप में रुपाली गांगुली का किरदार हमेशा से महिलाओं की प्रसंशनीय सूची में सबसे ऊपर है, जो महिलाओं की ताक़त और स्वतंत्रता का एक खरा उदाहरण है। एक बेचारी महिला की कहानी के विपरीत, जब अनुपमा को अपने पति की बेवफाई का पता चलता है तो वह टूटती नहीं है। इसके बजाय, वह साहसपूर्वक अपने लिए खड़ी होती है और अपने परिवार के कड़े विरोध के बावजूद भी तलाक फाइल करने के लिए एक साहसी कदम उठाती है। अनुपमा एक ऐसा किरदार हैं जो न सिर्फ मजबूत है, बल्कि हर महिलाओं के लिए एक प्रेरक रोल मॉडल के रूप में काम करती है, उन्हें खुद के लिए वकालत करने और अपने सम्मान के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाला यह असाधारण शो इस बात का उदाहरण है कि कैसे महिला पात्र परंपराओं को तोड़ सकती हैं और विपरीत परिस्थितियों में अपनी असली ताकत की खोज करती हैं।
काव्या – प्रियंका धवले द्वारा अभिनीत काव्या शर्मा, का किरदार बहुत उल्लेखनीय है जो जीवन की चुनौतियों के माध्यम से दर्शकों को बहुत सी सीख दे रही हैं। अपने पति के ना होने के बाद, काव्या ने अपने दिवंगत पति के घर में शांति बनाए रखने के लिए अविश्वसनीय सहस को प्रदर्शित किया है। हालांकि, चाचा-चाची की साजिश के चलते, काव्या और उसकी दादी के बीच बढ़ती दरार को और बढ़ा देते हैं, जो उनके संघर्षों को और बढ़ाते हैं। इन बाधाओं के बावजूद, काव्या हर विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठती है और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करती है। उनका किरदार दर्शकों को प्रेरित करता है और उन्हें याद दिलाता है कि दृढ़ता और आंतरिक शक्ति से कुछ भी संभव है। ‘क्योंकि तुम ही हो’ के एपिसोड को देखना न भूलें, जो सोमवार से शनिवार, रात 9 बजे केवल शेमारू उमंग पर प्रसारित हो रहा है।
कथा – कथा एक सपोर्टिव परिवार के साथ रहने वाली एक विशिष्ट गृहिणी नहीं है, वह एक सिंगल माँ के रूप में सामने आती है जो कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद अपने बच्चे के लिए सब कुछ करती हैं। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन की कथा अनकही एक ऐसी महिला का शक्तिशाली चित्रण प्रस्तुत करती है जो सामाजिक अपेक्षाओं को पार करती है। एक कार दुर्घटना में अपने पति की दिल दहला देने वाली हानि के बावजूद, कथा एक माँ और रक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाती है। अदिति शर्मा का चरित्र इस कहानी में गहराई और प्रामाणिकता को पेश करता है, जिससे दर्शक भावनात्मक रूप से उसकी यात्रा से जुड़ सकते हैं। आप इस शो को मिस नहीं करना चाहेंगे, जिसकी स्ट्रीमिंग अब SonyLIV पर हो रही है।
अपराजिता – मैं हूं अपराजिता में श्वेता तिवारी का अपराजिता का किरदार प्रतिकूल परिस्थितियों में एक महिला की भावनाओं को पेश करता एक शक्तिशाली उदाहरण है। ज़ी टीवी पर प्रस्तुत फॅमिली ड्रामा एक ऐसी महिला के इर्द गिर्द घूमता है, जो उसके पति अक्षय द्वारा छोड़े जाने के बाद जीवन की कठिनाइयों का सामना करती है। अपनी तीन बेटियों को अकेले पालने की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए छोड़ दी गई, अपराजिता न सिर्फ अपने बच्चों का सपोर्टिंग पिलर बनीं बल्कि उनकी प्रेरणा स्रोत भी बनी। अपराजिता की यात्रा सशक्तिकरण की है, क्योंकि वह समाज की न्यायिक दृष्टि से ऊपर उठती है और यह साबित करती है कि एक महिला सबसे कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ सकती है। दर्शक अब ZEE5 के साथ कभी भी और कहीं भी इस प्रेरक कहानी का अनुभव कर सकते हैं।
भावना – स्टार भारत पर दिल को छू लेने वाले ड्रामा सीरीज “आशाओं का सवेरा धीरे धीरे से” में रीना कपूर, भावना का किरदार निभा रही हैं जो एक विधवा महिलाओं का कहानी को बयां करता है जो समाज और अपने ही परिवार द्वारा दिए है कई दर्द से गुजरती हैं। शो में भावना का जीवन अपने पति की मृत्यु के बाद एक दुखद मोड़ लेता है, जिससे वह असुरक्षित स्थिति में आ जाती है और अपने दिन-प्रतिदिन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संघर्ष करती है। जीवन की कठोर वास्तविकताओं का सामना करते हुए वो एक मजबूत, स्वतंत्र महिला के रूप में उभरकर आती है। दर्शक भावना के सशक्तिकरण के सफर को भी देख कर सकते हैं क्योंकि यह शो डिज्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीम करने के लिए उपलब्ध है।
मन को दुखी कर देने वाली कहानियों के साथ, व्यक्तिगत परीक्षणों से गुजरने और सामाजिक पूर्वाग्रहों को निडरता से चुनौती देने तक, यह निडर महिलाएं, महिला सशक्तिकरण का एक खरा उदाहरण पेश कर रही हैं, जो दर्शकों को बाधाओं पर विजय पाने और अपनी नियति बनाने को लेकर हमें प्रेरणा देती हैं। टेलीविजन में इस उल्लेखनीय विकास के साथ, प्रमुख महिलाएं अब रोमांटिक कहानियों तक ही सीमित नहीं हैं। चलिए हम इनकी कहानियों को देखना और इनसे प्रेरित होना जारी रखें
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आसिफ शेख ने वाराणसी में अपने पुरखों की हवेली में मनाई जाने वाली ईद के खूबसूरत लम्हों को याद किया
आसिफ शेख ने वाराणसी में अपने पुरखों की हवेली में मनाई जाने वाली ईद के खूबसूरत लम्हों को याद किया

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2 वर्ष agoon
जुलाई 3, 2023By
न्यूज़ डेस्क
एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा, यानि आसिफ शेख बहुत खुश हैं और ईद का त्यौहार मनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शांतिपूर्ण तरीके से नमाज पढ़ने से लेकर अपने प्यारे परिवार और दोस्तों के साथ अनमोल पल बिताने तक, त्यौहार की हर तैयारी सावधानी से की गई है। आसिफ की गुजरी यादें ताजा हो जाती हैं, जब वे जीवंत शहर वाराणसी में अपने पुरखों के घर पर मनाई जाने वाली शानदार और यादगार ईद को याद करते हैं। ईद के त्यौहार को लेकर वह प्रसन्नता से कहते हैं, ‘‘छोटे कस्बों और शहरों मैं त्यौहारों का जादू ही अलग होता है! त्यौहार के दिन को सचमुच असाधारण बनाने के लिये पूरे दिल से जिस समर्पण के साथ कोशिशें की जाती हैं, उन्हें देखना अपनेआप में खुशी देता है। वाराणसी की मेरे दिल में खास जगह है, क्योंकि वह मेरे पैरेंट्स के पुरखों का घर है और मेरे पास हमारे प्यारे दादाजी की हवेली में होने वाले भव्य उत्सव की यादें हैं। हमारा बड़ा परिवार था और हम दूर-पास के रिश्तेदारों और दोस्तों का हार्दिक स्वागत करते थे और सैकड़ों लोग जमा हो जाते थे। पूरा दिन खाने-पीने में बीतता था और सुबह से लेकर शाम तक खूब सारा स्वादिष्ट खाना तैयार रहता था। हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें प्यार से ईदी देते थे और 1980 के दशक की वह प्यारी यादें मेरे दिलोदिमाग पर इस तरह छाई हैं कि मानो कल ही की बात हो। जश्न मनाने का तरीका बहुत बदल गया है, लेकिन एकजुटता और उत्सव का भाव अब भी वैसा ही उत्साह रखता है।’’
इस साल के जश्न के बारे में आसिफ शेख ने बताया, ‘‘त्यौहार मेरे दिल को असली खुशी से भर देते हैं! वे खुशियों और एकजुटता के अनमोल पल होते हैं, जब आप अपने प्रियजनों से मिलते हैं और मुँह में पानी लाने वाले व्यंजनों पर टूट पड़ते हैं। आने वाली ईद भी अलग नहीं होगी! मैं घर पर रहूंगा, अपने प्यारे परिवार और दोस्तों के साथ और हम शीर कुरमा और खुशबूदार बिरयानी का आनंद लेंगे। इतना ही नहीं! ‘भाबीजी घर पर हैं’ के मेरे चहेते परिवार के बिना मेरे लिये कोई त्यौहार पूरा नहीं होता है। इस शो का सेट मेरा दूसरा घर बन गया है और पूरा क्रू मुझे मेरे बड़े परिवार की तरह लगता है। हर साल की तरह मैं उन्हें घर की बनी स्वादिष्ट बिरयानी का लुत्फ दूंगा, जिससे त्यौहार की खुशी और स्वाद बढ़ जाएगा। तो आइये, त्यौहार शुरू करते हैं!’’
आसिफ शेख को ‘भाबीजी घर पर हैं’ में विभूति नारायण मिश्रा की भूमिका में देखिये, हर सोमवार से शुक्रवार रात 10ः30 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर
मनोरंजन
एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ’ ने 200 एपिसोड पूरे करने की उपलब्धि का जश्न मनाया!
एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ’ ने 200 एपिसोड पूरे करने की उपलब्धि का जश्न मनाया!

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2 वर्ष agoon
जुलाई 3, 2023By
न्यूज़ डेस्क
यह जश्न मनाने का वक्त है, क्योंकि एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ ने 200 एपिसोड पूरे करने की उपलब्धि हासिल कर ली है! यह शो पिछले साल लाॅन्च हुआ था और इसमें उत्तर प्रदेश में अपने पति, दो बेटियों और ससुराल वालों के साथ रह रही एक महिला की कहानी दिखाई गई है। उसकी खुशहाल और सूकून से भरी जिंदगी में उस समय एक भूचाल आ जाता है, जब वह और उसका पति अनजाने में अपने (पति के) नाजायज बेटे को गोद ले लेते हैं। दिल को छू लेने वाले इस फैमिली ड्रामा ने बड़ी जल्दी दर्शकों के दिल को जीत लिया है और एण्डटीवी पर उनका चहेता शो बन गया है! नेहा जोशी (यशोदा), आयुध भानुशाली (कृष्णा), मोहित डागा (अशोक) और दर्शन दवे (रणधीर शर्मा), आदि समेत शो के मुख्य कलाकार खुशी से भरे इस पल का जश्न मनाने के लिये इकट्ठा हुए और उन्होंने 200 एपिसोड पूरे होने की अपनी बेहतरीन यात्रा पर बात की। 200 एपिसोड पूरे होने पर, यशोदा की भूमिका निभा रहीं नेहा जोशी ने कहा,‘‘ दूसरी मां में यशोदा का किरदार निभाने का मेरा सफर शानदार रहा है। यह सब मेरी टीम और दर्शकों के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद है। यशोदा घर-घर में मशहूर हो गई हैं, और उनके और कृष्णा (आयुध भानुशाली) के बीच के बंधन ने टीवी पर मां-बेटे की जोड़ी के लिए एक नया ट्रेंड सेट किया है। इम्तियाज जी और अमिताभ जी का बहुत-बहुत धन्यवाद, यह शो मुझे भावनाओं के एक रोलरकोस्टर के माध्यम से ले गया है, और मैं रोमांचित हूं कि हम यहां तक पहुंचे हैं। यह उपलब्धि हमें अपने दर्शकों का मनोरंजन जारी रखने और और भी अधिक मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती है! उत्सव को जारी रहने दें!’’ कृष्णा की भूमिका निभा रहे आयुध भानुशाली ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिये बहुत खास पल है! मुझे बहुत खुशी है कि हम 200 एपिसोड्स तक पहुँचे हैं। यह एक बेहतरीन सफर रहा और हम एक बड़े परिवार की तरह हो गये हैं। इस बेजोड़ उपलब्धि के लिये टीम के हर सदस्य को बधाई!’’
अशोक की भूमिका निभा रहे मोहित डागा ने कहा, ‘‘दूसरी माँ’ की टीम का हिस्सा बनने का सफर खुशनुमा रहा। मुझे मुश्किल से यकीन हो रहा है कि हम 200 एपिसोड्स की शानदार उपलब्धि पर पहुँच गये हैं! इस शो को सफल बनाने के लिये पूरी टीम ने अपना सबसे बेहतरीन प्रयास किया है, जिस पर मुझे बहुत गर्व है। मेरे लिये सबसे बेहतरीन रहा हमारे दर्शकों से मिला बहुत सारा प्यार और समर्थन। मैं हमारी प्रोडक्शन टीम, सारे कलाकारों और क्रू तथा चैनल एण्डटीवी को इस उपलब्धि पर बधाई देता हूँ।’’ रणधीर शर्मा की भूमिका निभाने के लिये हाल ही में इस शो से जुड़े दर्शन दवे ने सार को संजोते हुए कहा, ‘‘मैं इस शो से हाल ही में जुड़ा हूँ और इस शानदार जश्न का हिस्सा बनकर उत्साहित हूँ। इस शो को इतना सफल बनाने के लिये दिन-रात मेहनत करने वाली टीम को बधाई। रणधीर का किरदार निभाना मेरे लिये एक बेहतरीन अनुभव रहा है और मुझे दर्शकों से इतनी बेहतरीन प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। यह सचमुच बेहतरीन है। हम नई-नई उपलब्धियाँ हासिल करने और भविष्य में और भी बड़ी सफलता पाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। यह तो सिर्फ शुरूआत है और अभी बहुत कुछ आना बाकी है!’’
200वां एपिसोड 26 जून को प्रसारित होगा! देखते रहिये ‘दूसरी माँ’, हर सोमवार से शुक्रवार रात 8ः00 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!