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राजनीति और सरकारें

सरकारी उदासीनता से वीरान हो गई औद्योगिक नगरी। चोरों ने बंद पड़ी फैक्ट्रियों का लोहा और ईट पत्थर तक बेचा

सरकारी उदासीनता से वीरान हो गई औद्योगिक नगरी। चोरों ने बंद पड़ी फैक्ट्रियों का लोहा और ईट पत्थर तक बेचा

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सरकारी उदासीनता से वीरान हो गई औद्योगिक नगरी। चोरों ने बंद पड़ी फैक्ट्रियों का लोहा और ईट पत्थर तक बेचा


मढ़ौरा में बंद औद्योगिक इकाइयों को खोलने को लेकर राज्य सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है बंद पड़ी चीनी मिल में किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है जिसको लेकर मिल प्रबंधन समिति और राज्य सरकार के बीच करार हुआ था लेकिन यह पैसा भी किसानों को कब तक मिलेगा किसी को नहीं पता यह हम नहीं कह रहे यह सरकारी आंकड़े कह रहे हैं अगर आपको लगता है कि मढ़ौरा की बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयां खुल जाएंगी पुनर्जीवित हो जाएगी तो इस खुशफहमी से बाहर निकलिए औद्योगिक इकाइयों को पुनर्स्थापित करने के लिए ना राज्य सरकार और ना ही कोई औद्योगिक घराना उत्सुक हैं यह अब सिर्फ और सिर्फ चुनावी जुमला बनकर रह गया है।मढौरा की चीनी मिल को बिहार की पहली चीनी मिल होने का गौरव हासिल रहा।मढ़ौरा की चर्चा अंग्रेजों ने अपनी पुस्तकों में भी की है। दरअसल मढ़ौरा की चीनी मिल की ख़ासियत ये थी कि वहां जो शक्कर बनती थी वे दूर से ही शीशे की तरह चमकती थी। मॉर्टन की चॉकलेट का तो कोई ज़ोर ही नहीं था। इसकी चर्चा आते ही सबके मुंह में पानी आ जाता था लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि मढ़ौरा चीनी मिल और मॉर्टन मिल दोनों ही रसातल में चले गए। अब सिर्फ उनकी यादें ही शेष है
वो भी एक ज़माना था जब इस कस्बे में काफी चहल-पहल हुआ करती थी। ज़िले भर से लोग यहां आकर किसी न किसी रूप में रोज़गार पा ही जाया करते थे। आप इसी बात से इस औद्योगिक कस्बे की चकाचौंध का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यहां की कुल जनसंख्या का 80 फ़ीसदी यहां की मिलों से ही रोज़गार पाता था। चीनी, मॉर्टन, सारण और डिस्टीलरी की चार-चार फैक्ट्रियां। शाम के चार बजते ही जब मिल से छुट्टी का सायरन बजता था तो सड़कों पर चलने की जगह नहीं हुआ करती थी। इतनी चहल-पहल कि पूछिए ही मत। लोगों को आज की तरह अपने घर से बाहर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती थी, लेकिन आज वो सड़कें वीरान पड़ी हैं, टूटी-फूटी पड़ी हैं। जिनकी मरम्मत करने वाला आज कोई नहीं ।
90 के दशक तक बिहार में क़रीब 24 बड़ी शुगर फ़ैक्ट्रियां थीं। उनमें से ज़्यादातर अब बंद हो चुकी हैं।
जिस चीनी फैक्ट्री के नाम से मढ़ौरा जाना जाता था उसकी स्थापना 1904 में हुई थी। शक्कर उत्पादन में भारत में इसका दूसरा स्थान था। वर्ष 1947-48 में ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन ने इसे अपने अधीन ले लिया था। लेकिन नब्बे के दशक आते-आते प्रबंधन की ग़लत नीतियों के कारण यह मिल बंद हो गयी। लखनऊ की गंगोत्री इंटरप्राइजेज नामक कंपनी के हाथों इसे 1998-99 में बेचा गया ताकि इसे नई ज़िंदगी मिल सके। बावजूद इसके मिल चालू नहीं हो सकी। बिहार राज्य वित्त निगम ने सन् 2000 में इसे बीमारू घोषित कर अपने कब्जे में ले लिया। जुलाई 2005 में उद्योगपति जवाहर जायसवाल ने इसे ख़रीद लिया। उन्होंने दो साल में यानी 2007 तक इसे चालू करने का ऐलान भी किया था लेकिन तब से लेकर अब तक नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा।
हमने जब स्थानीय निवासीयों से इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने इसका ठीकरा राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये पर फोड़ा। उनके मुताबिक अब नौबत ये आ गई है कि करीब 25 साल से बंद पड़े चीनी मिल के कल-पुर्ज़े तक पुराने पड़ गए। धीरे-धीरे इसके कल-पुर्ज़े कबाड़ में बेच दिए गए। और रही सही कसर चोरों ने पूरी कर दी।अब चाहे चीनी मिल हो या मॉर्टन मिल दोनों खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। मढ़ौरा की पहचान कभी 52 कमरों वाला शुगर फ़ैक्ट्री का गेस्ट हाउस हुआ करता था। लेकिन आज वो भी वीरान पड़ा है। और तो और उसके अंदर पेड़-पौधे भी उग चुके हैं। अब तो इस इलाके में ऐसी वीरानी फ़ैली है कि हर ओर सन्नाटा ही सन्नाटा नज़र आता है।
ये तो बात हुई चीनी और मॉर्टन मिल की। अब बात सारण फ़ैक्ट्री की।सारण फ़ैक्ट्री वो फ़ैक्ट्री हुआ करती थी जहां शुगर फ़ैक्ट्री में प्रयोग किए जाने वाले कल-पुर्ज़े बनाए जाते थे। जैसा की नाम से ही स्पष्ट था, सारण यानि इस फ़ैक्ट्री की पहचान सारण कमिश्नरी की सबसे बड़ी फ़ैक्ट्री के तौर पर थी। यहां से बनने वाले कल पुर्जे बिहार की चार कमिश्नरियों में सप्लाई किए जाते थे। लेकिन सरकार की ग़लत नीतियों या यूं कहें कि उसकी उपेक्षा के चलते ये सारी फैक्ट्रियां एक के बाद एक बंद होती चली गईं। और जैसे-जैसे ये फैक्ट्रियां बंद होती गईं वैसे-वैसे इस शहर की रौनक भी खत्म होती चली गई। अब इस कस्बे में कुछ शेष है तो वो इन चारों फैक्ट्रियों के खंडहर… और समय से पहले बूढ़े हो चले वो लोग जिन्हें आज भी इंतज़ार है अपने बकाये पैसों का, और वो तभी संभव है जब फैक्ट्री की चिमनी से एक बार फिर से धुंआ निकलता दिखे। जो अब संभव नहीं दिखता।

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राजनीति और सरकारें

दुबई में शाही इमाम पंजाब के हतों से मुंबई के पत्रकार सलीम रेहमान को किया गया सम्मानित

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मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी

दुबई……..

दुबई में दुबई इंटरनेशनल बिजनेस अवॉर्ड 2024 का आयोजन किया गया था ।
पत्रकार सलीम रेहमान को एक बार फ़िर सम्मानित किया गया
दुबई के उद्योगपति और इन्वेस्टर इस समिट में उपस्थित रहे थे ।
यह अवॉर्ड शो में इमारत के कही अरबाब चीफ गेस्ट भी मौजूद थे।

यह अवॉर्ड में बिजनेस टायकून और इन्वेस्टर को अवॉर्ड से नवाज़ा गया ।

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इस अवॉर्ड शो में मीडिया से बोल इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सलीम रेहमान और संजीवनी शर्मा को भी सम्मानित किया गया
साथ ही मुंबई के सभी पत्रकार साथियों ने सलीम रेहमान को शुभकामनायें दी
कार्यक्रम आयोजक के मजेंदर सिंह ने कार्यक्रम सफल होने पर सब का धन्यवाद क्या

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राजनीति और सरकारें

8 से 9 जुलाई तक गोवा पद्मनाभ पीठाधिश्वर पद्मश्री ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी जी जयपुर प्रवास पर रहेंगे, कालवार रोड़ कृष्ण कुंज विलास में होंगे निजी कार्यक्रम में होंगे शामिल

8 से 9 जुलाई तक गोवा पद्मनाभ पीठाधिश्वर पद्मश्री ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी जी जयपुर प्रवास पर रहेंगे, कालवार रोड़ कृष्ण कुंज विलास में होंगे निजी कार्यक्रम में होंगे शामिल

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8 से 9 जुलाई तक गोवा पद्मनाभ पीठाधिश्वर पद्मश्री ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी जी जयपुर प्रवास पर रहेंगे, कालवार रोड़ कृष्ण कुंज विलास में होंगे निजी कार्यक्रम में होंगे शामिल

पद्मश्री से सम्मानित गोवा के प्रसिद्ध संत सतगुरु महाराज स्वामी ब्रह्मानंदाचार्य जयपुर प्रवास पर रहेंगे। 8 जुलाई से 9 जुलाई तक, संत महाराज एक निजी कार्यक्रम के दौरान होंगे शामिल। इस कार्यक्रम का आयोजन कृष्ण कुंज विलास, कालवाड़ रोड पर व्यापारी प्रकाश मिश्रा जी के निवास स्थान पर होगा उसके बाद दिनाक 9 जुलाई को कार्यक्रम खाटू श्याम और सालासर बालाजी जी की यात्रा है और इसमें भक्तों द्वारा बड़ी संख्या में स्वागत की तैयारी हो रही है।

स्वामी ब्रह्मानंदाचार्य जी मान्यता के प्रमाण के रूप में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने सदियों से मानवता को प्रेरित करते आए हैं और ग्यान, सेवा और धर्म की बातचीत में अद्वितीय योगदान दिया है।

इस निजी कार्यक्रम में, संत महाराज जी अपने शिष्यों और अनुयायियों के साथ एक विचार-विमर्श सत्र में भाग लेंगें। इसके अलावा, वे धार्मिक अध्यात्मिक भजन संग्रह का आयोजन करेंगे और आर्शीवाद समारोह आयोजित किया जाएगा।

यह कार्यक्रम सालासर बालाजी आराधकों के लिए एक विशेष अवसर होगा, जहां वे संत महाराज जी से मिलने और उनसे शास्त्रों, भजनों और धर्म संबंधी बातचीत करने का अवसर पाएंगे। कृष्ण कुंज विलास में होने वाला यह कार्यक्रम सत्संग की माहौल में आयोजित होगा, जहां उम्मीद है कि भक्तों को आध्यात्मिक एवं मनोयोगी अनुभव मिलेगा।

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पद्मनाभ पीठ गोवा में संत महाराज स्वामी ब्रह्मानंदाचार्य जी की प्रतिष्ठित पुराणिक और आध्यात्मिक संस्कृति को बहुत महत्व दिया जाता है। उनकी यात्रा से पहले ही खाटू श्याम और सालासर बालाजी जी की यात्रा में भक्तों द्वारा स्वागत की तैयारी शुरू हो रही है। लोगों ने इस खास और साधारण क्षण के लिए अपनी भक्ति और आदर स्पष्ट किए हैं और वे संत महाराज से मिलने के लिए आराधना आदान कर रहे हैं।

यह प्रवास लोगों को एक आध्यात्मिक और परम सुख की यात्रा में शामिल होने का अवसर देने का महान संयोग है। सतगुरु महाराज जी के साथ यह दुर्लभ मौका भक्तों को आनंद और आध्यात्मिक उन्नति का संगम होगा। इस प्रकार, कृष्ण कुंज विलास में होने वाले निजी कार्यक्रम से जुड़े लोग यह मानते हैं कि वे इस आध्यात्मिक अनुभव को यादगार बनाने का मौका प्राप्त करेंगे।

कार्यक्रम के निवेदक महाबलेश्वर के माने जानें समाज सेवी जगन्नाथ सिंह राव, विवेक दूबे, वीरेंद्र सिंह हुडील, मन मोहन सिंह , हरी सोनी , भारत गुर्जर, अजीत बैंसला, अमित शर्मा है

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बाढ़ में बेहतर विकल्प देने का संकल्प के साथ मैदान में उतरे हैं नीरज कुमार सिंह

बाढ़ में बेहतर विकल्प देने का संकल्प के साथ मैदान में उतरे हैं नीरज कुमार सिंह

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बाढ़ में बेहतर विकल्प देने का संकल्प के साथ मैदान में उतरे हैं नीरज कुमार सिंह

पटना। समाज सेवा के लिए सीआरपीएफ में अधिकारी रैंक से स्वेक्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले नीरज कुमार सिंह का कहना है कि समाज में युवाओं को मुख्यधारा से जुड़े बिना समाज का विकास संभव नहीं है। नीरज कुमार सिंह की धर्मपत्नी नमिता नीरज सिंह बिहार प्रदेश राजद महिला प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष हैं बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत 15 वर्षों से काफी सक्रिय हैं। वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कोटे में सीट चले जाने के कारण नमिता नीरज सिंह का अंतिम समय में राजद से टिकट कट गया था फिर भी वह पार्टी और संगठन में पूरी सक्रियता के साथ लगी हुई है पति नीरज कुमार सिंह के आ जाने के बाद इन दोनों की गतिविधियां क्षेत्र में काफी ज्यादा बढ़ी है इसी क्रम में नीरज कुमार सिंह ने बातचीत में बताया कि बाढ़ उनका पैतृक जन्मभूमि है वही पले बढ़े हैं वही संघर्ष किया है इस कारण से उस इलाके के सुख दुख में सदैव सहभागी भी रहे हैं सरकारी नौकरी में रहने के दौरान युवाओं को सेना और पुलिस में बहाल होने के लिए वे अपने स्तर से कई कार्यक्रम भी चला रहे थे जिसका फायदा क्षेत्र के युवाओं को मिला तथा भारतीय सेना पुलिस बल अर्धसैनिक बलों में भारी तादाद में क्षेत्र के युवा बहाल भी हुए नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है सरकारी योजनाओं में लूट जनप्रतिनिधियों का आम जनता के प्रति नकारात्मक रवैया क्षेत्र के विकास में बाधक है। उन्होंने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का सामाजिक न्याय उनको शुरू से भाता रहा इसी कारण से उनकी पत्नी राजद में एक सक्रिय कार्यकर्ता की भांति काम करते हुए आज प्रदेश महिला उपाध्यक्ष बनी है बिहार का भविष्य नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हाथों में ही है क्योंकि उनके पास विजन है बिहार को देने के लिए कार्य योजना है कुछ करने की ललक है। एक सवाल के जवाब में नीरज कुमार सिंह ने कहा कि बाढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख के वे सदैव साथ हैं जहां कहीं कोई कार्यक्रम होता है पति-पत्नी दोनों उपस्थित होते हैं क्षेत्र में वैवाहिक समारोह श्रद्धांजलि सभा खेलकूद प्रतियोगिता गरीब कन्याओं का विवाह हर किसी के सुख दुख में वह पूरी सजगता के साथ शामिल होता है। उन्होंने कहा की पार्टी कार्यकर्ताओं से होती है और वे जिस पार्टी में है वहां कार्यकर्ताओं की पूरी पूछ है। फिलहाल उनके द्वारा बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का सदस्यता अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जा रहा है आने वाले दिनों में कई सारी गतिविधियां क्षेत्र में और भी होने वाली है जिसमें सबसे बड़ी गतिविधि क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करना है। नीरज कुमार सिंह ने कहा कि वह क्षत्रिय समाज से आते हैं क्षत्रिय समाज को जितना मान सम्मान राजद ने दिया है वह किसी पार्टी ने नहीं दिया है चाहे राजपूतों के सबसे बड़े नेता प्रभुनाथ सिंह हो आनंद मोहन हो जगदानंद बाबू हो सुनील कुमार सिंह हो सभी दल में हैं। जहां प्रतिष्ठा मिलेगी वहीं निष्ठा भी रहेगी।

बाढ़ में बेहतर विकल्प देने का संकल्प के साथ मैदान में उतरे हैं नीरज कुमार सिंह
बाढ़ में बेहतर विकल्प देने का संकल्प के साथ मैदान में उतरे हैं नीरज कुमार सिंह

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